Category: डायरी
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An eye for an eye makes the whole world blind. – Mahatma Gandhi Ji (You can’t solve violence with violence)
शरीर और आत्मा
बचपन, युवावस्था, वृद्धावस्था में शरीर अलग-अलग पर आत्मा एक। यदि वृद्धावस्था को स्वीकार लिया तो जीवन में निराशा, यदि अपने को आत्मा मान लिया तो
Start
Nobody can go back and start a new beginning, but anyone can start today and make a new ending. (Mayank Pandya)
ज़िदगी
ज़िंदगी दो हिस्सों में ख़त्म हो जाती है -> 1. अभी उम्र नहीं है। 2. अब उम्र नहीं रही। (सुरेश)
भगवान के दर्शन
यदि भगवान अचानक आपके सामने आ जायें तो क्या करोगे ? पहले Confirm करें; भगवान ख़ुद आये हैं या हम भगवान के पास गये हैं।
आक्रोश और सुधार
Google Map, Route बताता है पर बार-बार ग़लत चले जाने पर नाराज़ नहीं होता, बार-बार Reroute बता-बता कर दिशा निर्देश देता रहता है। और हम
Leader
Kanan Jaswal’s Thought of the Day: While the strength of a chain is that of the weakest link, a team is as strong as the
वृद्धावस्था
कभी ये मत सोचिए कि अब इस उम्र में कुछ नहीं रहा। सूखे मेवे हमेशा ताजे फलों से महंगे होते हैं। (दिव्या जैन)
दौड़ का फल
सारी ज़िंदगी की दौड़ का महनताना भी खूब है, चेहरे पर झुर्रियाँ अपनों से दूरियाँ।
रसमय जीवन
🌹🌹🌷🌹🌹🌷🌹🌹 गन्ने में जहाँ गाँठ होती हैं, वहाँ रस नहीं होता…! जहाँ रस होता हैं, वहाँ गाँठ नहीं होती…! बस जीवन भी ऐसा ही है,
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