Category: डायरी
कार्य
April 3, 2024
स्थान तथा रूप परिवर्तन ही कार्य होता है। क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी
ज्ञान
April 1, 2024
ज्ञान का समताभावी रुप… चारित्र, शंका रहित रूप……………. श्रद्धा। शांतिपथ प्रदर्शक
दिल / दिमाग
March 31, 2024
दिमाग को खूब पढ़ाना, पर दिल को अनपढ़ ही रखना; ताकि भावनाओं को समझने में हिसाब-किताब न करे। (एकता- पुणे)
खुशनसीब
March 27, 2024
खुशनसीब वह नहीं जिसका नसीब अच्छा है, बल्कि वह जो अपने नसीब को अच्छा मानता है। (महेन्द्र जैन- नयाबाजार मंदिर)
श्रद्धा
March 24, 2024
बीमार व्यक्ति को गुरु सम्बोधन करने गये। वहाँ कुर्सी रखी थी (व्यक्ति के भगवान के लिये)। वह भगवान को कुर्सी पर कल्पना में विराजमान करके
मान
March 17, 2024
चारों कषायों (क्रोध, मान, माया और लोभ) में से सिर्फ मान (गर्व) का “मान” किया जाता है, कैसी विडम्बना है ? कमल कांत
गुण
March 7, 2024
गुण जब तक गुणीजनों के पास रहता है, उसकी गुणवत्ता बनी रहती है। अवगुणी के पास होने पर वह अपनी गुणवत्ता खो देता है। (जैसे
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