Category: डायरी
मूर्छा
सुनारों की दुकानों पर झाडू उल्टी लगती है (बाहर से अंदर की ओर)। फिर कचड़े को भरकर घर ले जाते हैं। बहुत लम्बी विधि जैसे
वात्सल्य
चलो अपन जहाँ को बांट लेते हैं… अकाश तुम रख लो, जमीं हम रख लेते हैं, सूरज तुम रख लो, रोशनी हम रख लेते हैं।
विवेक / मूढ़ता
साइकिल रेस में Cow Trap लगा दिया। ज्यादातर लोग पट्टियों पर से सावधानी पूर्वक धीरे-धीरे पार करके आगे बढ़े। एक सवार Diagonally तेजी से Cross
संगति
अगर कोई मक्खी सब्जी तौलते समय तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत दस पैसे, लेकिन वही मक्खी अगर सोना तौलती तराजू पर बैठ जाए
कल्याण
अपने कल्याण करने का सरल तरीका….दूसरों को अपना मानने से भी अपने कल्याण की शुरुवात होती है।
व्यक्तित्व
व्यक्तित्व को शून्य रखें, ताकि कोई उसमें से कुछ भी घटा न सके। परन्तु जिसके साथ खड़े हो जाय, उसकी कीमत दस गुणा बढ़ जाय।
दृष्टिकोण
Cracked कप को देखकर…. “अरे ! यह तो टूटने वाला है”…. नकारात्मक दृष्टिकोण। Crack ही तो है, टूटा नहीं है….सकारात्मक। (एकता-पुणे)
विश्वास
हालाँकि अंधकार बहुत विशाल है, दीपशिखा छोटी सी, पर मेरा विश्वास दीपशिखा पर विशाल है। (मेरे आसपास वह अंधकार को भटकने भी नहीं देगी) श्री
ईश्वर
अपने में ईश्वर को देखना…. ध्यान है, दूसरों में ईश्वर को देखना…….प्रेम, सबमें ईश्वर को देखना………ज्ञान है। (श्रीमति शर्मा)
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