Category: डायरी
विनय
October 28, 2021
मंदिर में/गुरु के दर्शन करते समय जूते ऐसी जगह उतारें जहाँ भगवान/गुरु की नज़र न पड़े । मुनि श्री सुधासागर जी
पाप
October 27, 2021
पाप तो पहले भी होते थे; आज भी होते हैं। फ़र्क ? पहले सिर्फ़ बड़े पाप करते थे; आज वही पाप छोटे भी करने लगे
भगवान अकर्ता
October 26, 2021
सम्यग्दृष्टि भगवान को अकर्ता मानता हुआ भी, असाता हटने पर भगवान का ही आभार क्यों मानता है ? ताकि उसे अपने पुरुषार्थ पर घमंड न
सामंजस्य
October 19, 2021
तम्बू तानते समय खम्बा छोटा पड़ने पर छोटी सी चिप लगा देते हैं। जीवन को Balance करने के लिये थोड़ा सा विवेकपूर्ण रवैया काफी होता
गुरुकृपा
October 18, 2021
तुलसीदास जी के एक भक्त अपने वैभव आदि का श्रेय गुरु को देते थे। तुलसीदास जी – ये वैभव आदि तो पापियों के भी होते
कानून
October 12, 2021
संसार के कानून मनुष्य ने बनाये, धर्म के किसने ? ज़हर खाने से मरण की सज़ा, शाश्वत/ अनादि से/ प्राकृतिक नियम है। मुनि श्री प्रमाणसागर
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