Category: डायरी
सुख
शैतान बच्चे ने तीन बकरियों पर एक, दो और चार नम्बर डाल कर स्कूल में घुसा दिया। सब लोग बकरियों को पकड़ने लगे। तीन बकरियाँ
दु:ख
“सुख रत्ती भर भी कम न हो, दु:ख पल भर भी टिके नहीं।” ऐसी चाहना ही सबसे बड़ा दु:ख है। साधु दु:ख स्वीकारते हैं इसलिए
मंदिर
मन को मंदिर कैसे बनाएं ? जिस मन में हर समय प्रभु का नाम स्मरण हो, वह मन प्रभु का मंदिर बन गया न !
फूल
चार प्रकार के फूल होते हैं… 1) सुंदर और ख़ुशबूदार 2) सुंदर पर ख़ूशबू नहीं 3) सुंदर तो नहीं पर ख़ुशबूदार 4) सुंदर भी नहीं
राग द्वेष
राग —> न रहे* तो रहा न जाए। द्वेष —> रहे** तो रहा न जाए। सारे युद्ध राग की वजह से ही हुए हैं। रावण
भगवान / हम
भगवान और हमारे रंगों में फ़र्क नहीं –> वे भी काले, हम भी। फ़र्क सिर्फ़ इतना है –> वे ऊपर से काले हैं (पार्श्वनाथ आदि),
मतलबी संसार
एक व्यक्ति 30 तारीख को बहुत रो रहा था। कारण ? आज के ही दिन 10 साल पहले मेरे ताऊ जी मरे थे, मुझे एक
आत्मा
आत्मा में ज्ञान तो सबके है। पर महत्वपूर्ण है… क्या आपके ज्ञान में आत्मा है ? आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी(25 सितम्बर)
अंतिम
देखते-देखते ही वर्ष का आरी महीना दिसंबर आ गया। ऐसे ही देखते-देखते अपने जीवन का अंतिम क्षण आ जाएगा। जैसे साल भर का लेखा-जोखा आखिरी
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