Category: डायरी
द्रढ़ता / ज़िद्द
द्रढ़ता अच्छे ध्येय के प्रति संकल्पित होना, ज़िद्द अपने आग्रह के प्रति ।
सकारात्मकता
मुंबई के अतिशय(12 वर्षीय) को बड़े और मित्र अलग-अलग नाम रख-रख कर चिढ़ाते थे, उसे बहुत बुरा लगता था । कुछ दिन पहले वह अपनी
गोबर का कीड़ा
इसे गोबर का कीड़ा कहते हैं, ये कीड़ा सुबह उठकर गोबर की तलाश में निकलता है और दिनभर जहाँ से गोबर मिले उसका गोला बनाता
धनतेरस
जैन-दर्शानुसार आज के दिन भगवान महावीर की आखिरी दिव्यध्वनि(प्रवचन) सुनी गयी थी, उससे भव्य जीवों का जीवन धन्य हो गया था (आज भी हो रहा
अभिप्राय
घर बनाने में श्रम तो चिड़िया और मकड़ी दोनों करतीं है, पर मकड़ी का अभिप्राय दूसरों को फंसाना है, सो अंत में खुद भी उसी
बुरा करना
दूसरों को डंक मारने/ ज़हर देने वालों को उनके अपने बच्चे ही खा जाते हैं । चिंतन
मानी
आचार्य श्री ज्ञानसागर जी(आचार्य श्री विद्यासागर जी के गुरु) कहते थे … मानी को मान दे देना चाहिये (उपद्रव नहीं करेगा) । वैसे भी ईंधन
स्वर्ग / नरक
स्वर्ग/नरक हैं भी या नहीं ? हैं तो, क्यों ? सुख/दुःख तो हम यहाँ ही भोग रहे हैं ? संसार के उत्कृष्ट सुख/दु:ख से भी
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