Category: वचनामृत – अन्य
कर्म फल
लाठी से सिर फूटता है, पर (सिर्फ) लाठी कभी सिर फोड़ सकती नहीं। दुःखी कर्मों से होते हैं, पर कर्म दुःखी कर सकते नहीं। उनके
गुरु दर्शन
गुरु सिर्फ दर्शन (देखने) की चीज़ नहीं, उनके दर्शन आत्मदर्शन करने में निमित्त हैं। जिन लोगों से धर्म की प्रभावना होती है (या धार्मिक आयोजनों
जीवन
जीवन एक संघर्ष है, सो जब तक जीवन है संघर्ष करते रहना है। (हारना/ रोना क्यों!) मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
देव-दर्शन
देव-दर्शन का मुख्य उद्देश्य ? प्रसन्नता प्राप्त करना…. 1. भगवान सब अभावों में भी प्रसन्न रहते हैं। भगवान की दृष्टि अपने पर रहती है। हम
मोबाइल से पूजादि
मोबाइल से पूजादि कर सकते हैं यदि उसे जिनवाणी का Digital रूप मानकर विनय करें तो। मुनि श्री प्रमाणसागर जी
स्वास्थ्य
महाराज आपका स्वास्थ्य कैसा है ? स्वास्थ्य 3 प्रकार से ख़राब होता है → 1. मानसिक….श्रद्धा की कमी से होता है। 2. पेट की ख़राबी
ज़मीर
शतरंज के खेल में वज़ीर को बचाने का अधिकतम पुरुषार्थ किया जाता है, जिसने बचा लिया वो खेल जीत गया। जीवन के खेल में ज़मीर
स्वानुभूति
जीवन में समानभूति के बिना स्वानुभूति नहीं आ सकती है। मुनि श्री प्रमाणसागर जी
बदनाम
रास्ते और धर्म कभी बंद नहीं होते। पर लुटेरे रास्तों को और धर्मात्मा कभी-कभी धर्म को बदनाम कर देते हैं। मुनि श्री सुधासागर जी
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