Category: वचनामृत – अन्य

आयोजन

आयोजनों से यदि मन की विशुद्धि बढ़ानी है तो आयोजन करने का प्रयोजन ध्यान में रखना होगा। मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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आवास

आवास दान करने से अच्छा आवास मिलता है। यह दान चार श्रेणियों के लिये किया जाता है – 1. मंदिर – भगवान के लिये 2.

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धर्मी को कष्ट

धर्म करने से कष्ट बढ़ते नहीं, कष्ट निकलते हैं। जैसे डाक्टर फोड़ा ठीक करने के लिये फोड़े को दबाकर उसकी गंदगी निकालता है। उस समय

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धार्मिक ज्ञान

धार्मिक ज्ञान की उपयोगिता वैसी ही है जैसी शुरू में पढ़ी गणित की इंजीनियरिंग आदि में। 1. धार्मिक ज्ञान से जीवों का पता लगता उनकी

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कठोरता / मृदुलता

कठोरता से निर्माण, मृदुलता से कल्याण। जैसे फोड़े को फोड़ते कठोरता से, उपचार मृदुलता से। अपना फोड़ा फोड़ो, दूसरे पर मलहम लगाओ। मुनि श्री प्रमाणसागर

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भगवान से मिलन

मैं खोज रहा था प्रभु को वे खोज रहे थे मुझे। अचानक एक दिन मिल गए। न मैं झुका, न वे झुके। न वे बड़े

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भय

छूटने की कल्पना से ही भय होता है, वैभव/ शरीर/ प्रियजनों के छूटने का भय। यदि इन सबको नश्वर मान लो और आत्मा को अनश्वर

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राजनीति

राजनीति अच्छी या बुरी ? राजनीति राजा की नीति, राजा अच्छा तो नीति अच्छी, राजा बुरा नीति बुरी। निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

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मन

मन कोमल होता है तब ही तो आकार ले लेता है गर्म लोहे की तरह, झुक जाता है तूफानों में। घुल जाता है अपनों में

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मंगल आशीष

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