Category: वचनामृत – अन्य

बुद्धि / मन

संकल्प बुद्धि से लिया जाता है, पर मन संकल्प लेते ही पुराने संस्कार नहीं छोड़ पाता है। पीपल की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये उसे 64

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इच्छा

शिष्य – इच्छा क्या है ? गुरु – जो कभी न पूरी हो, और एक-आध पूरी हो भी जाए, तो दूसरी पैदा हो जाए; प्राय:

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संघर्षण / मंथन

एक जंगल में बांसों के संघर्षण की आवाज़ अग्नि में बदल गई। गाँव से भी वैसी ही आवाज आ रही थी। यह मथनी की आवाज़

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दान

ख़ाली (ग़रीब) को भरोगे तो दिखेगा (फल); संतोष होगा; पुण्य बंध होगा। उसका तो पापोदय है; तभी तो ख़ाली है। तीव्र पापोदय में उसका भला

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सत्य

3 प्रकार के – 1. परमात्म सत्य – जो परमात्मा को जानता है 2. आत्म सत्य – जो आत्मा को जानता है 3. संसार सत्य

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दृष्टि

साधु देखते हुए और भी बहुत कुछ देखते हैं, सुनते हुये और भी बहुत कुछ सुनते हैं जैसे किसी ने “मूर्ख” कहा तो वे ‘म’

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आवश्यक / आकर्षण

बाज़ार जाओ तो सेवक बन कर लिस्ट के अनुसार खरीददारी करो, मालिक बनकर गये तो चीजें आकर्षित करेंगी। जैसे कैमिस्ट की दुकान पर पर्चे के

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सुख-दु:ख

घटना घटना होती है, उसका सुख-दु:ख से सम्बंध नहीं होता है । वरना बड़े बड़े ऑपरेशन हो ही नहीं सकते थे । ऐनसथिसिया देकर दर्द

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पीछे पड़ना

किसी के पीछे ज्यादा नहीं पड़ना चाहिये – इसका एक भव सुधारने के लिये अपने भव-भवांतर क्यों बिगाड़ना चाहते हो ! झगड़ा न करें पर

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मंगल आशीष

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