Category: वचनामृत – अन्य

दुर्भाग्य

दुर्भाग्य को जीतना चाहते हो तो … सौभाग्य और दुर्भाग्य में समता भाव रखना/झेलना सीखो । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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माध्यस्थ

अंधों की बस्ती में, आँखों की महिमा गाओगे तो वे तुम्हारी आँखें फोड़ देंगे । वहाँ माध्यस्थ भाव रखें । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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अंतरजातीय विवाह

खून चढ़ाने से पहले ग्रुप मिलाया जाता है तभी जीवन की रक्षा होती है । अंतरजातीय विवाह में भी यदि संस्कार/संस्कृति मिलाली जांय तभी संस्कार/संस्कृति

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धार्मिक क्रियायें / पापोदय

क्या धार्मिक क्रियायें करने से पापोदय शांत होता है ? धार्मिक क्रियायें करने से पुण्य मिलता है, पुण्य अर्जन से पापोदय शांत होता है ।

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माँ और पत्नी

पत्नी का तो जीवन भर का साथ है, माँ तो थोड़े दिन की, खुश किसे रखें ? माँ का आशीर्वाद तो जीवन भर का है,

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बुरा समय

चोट लगे (स्थान) में चोट बहुत पीड़ा देती है । बुरे समय में किसी से उलझें नहीं, सावधानी बहुत रखें । (कोरोना भी तो हम

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वस्त्रों का महत्व

पूजा/आहार में शुद्ध धोती-दुपट्टा पहनने से बाह्य शुद्धता के साथ साथ अंतरंग शुद्धता/शक्ति बढ़ जाती है । जैसे पुलिस वाला यदि सादा कपड़ों में हो

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स्वभाव

शरीरों के स्वभाव अलग अलग – मिट्टी व जल स्वभाव वाले एकमेव, धातु लकड़ी को -काटेगी, अग्नि लकड़ी को -जलायेगी, विपरीत स्वभाव वाले । इसलिये

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नीति / नीयत

नेता नीति बना सकता है, पर उसका Implementation जनता की नीयत तय करेगी । मुनि श्री प्रमाणसागर जी (धर्म के क्षेत्र में भगवान नीति बनाते

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सेवा

जो सेवा की जाती है, वह सकाम सेवा है ; जो सेवा होती है, वह निष्काम सेवा है मुनि श्री प्रमाण सागर जी *विपत्ति के

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मंगल आशीष

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