Category: पहला कदम

कषाय

कषाय तो रहे पर प्रभाव ना हो, इसके लिए क्या करें ? कषाय वाले वातावरण से दूर रहें। कषाय का क्षयोपशम कैसे करें ? चरित्र

Read More »

सजा़

पहले से पांचवें कुलकर के समय में सज़ा “हा” (गुनाह किया है)। छटवें से दसवें कुलकर के समय में सज़ा “हा, मा” (मान लिया, भविष्य

Read More »

आकिंचन

वह अमीर अमीर क्या जिसका मन फ़कीर न हो! वह फ़कीर फ़कीर क्या जिसका मन अमीर न हो! जीवन जब तक खुला नहीं, खिला नहीं

Read More »

सामान्य केवली और तीर्थंकर

सामान्य केवली और तीर्थंकरों में वही अंतर है जो सामान्य सांसद और प्रधानमंत्री में। प्रधानमंत्री भी सांसद होता है पर सांसद प्रधानमंत्री नहीं। सामान्य केवली

Read More »

जीवन प्रकाशित

जीवन प्रकाशित तब होता है जब सूर्य के सामने से भावकर्म रूप बादल हट जायें, द्रव्यकर्म रूप खिड़की बंद तथा नोकर्म रूप आँखें खुल जांय।

Read More »

कषाय

कषायों का काम कर्मों को रुकने लायक व्यवस्था करना तथा अनुभूति में आने योग्य तीव्रता डालना होता है। मुनि श्री सौम्य सागर जी (जिज्ञासा समाधान-

Read More »

राग और मोह

आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज कहा करते थे… राग और मोह दोनों ही आत्मा से भिन्न हैं। मोह अटकाव है जबकि राग भटकाव। मोह

Read More »

भय

भय अपरिचित वस्तुओं, स्थान या व्यक्ति से ही होता है जैसे रस्सी को भी अनजाने में सांप मानने लगते हैं। सबसे अपरिचित आत्मा है इसीलिए

Read More »

ज्ञानसार

शिष्य सालों तक गुरु से ज्ञान अर्जित करता रहा। गुरू → क्या समझे ? कुछ नहीं। गुरु → तो, सार को समझ लो, पुद्गल और

Read More »

मानस्तंभ

मानस्तंभ एक नहीं, चारों दिशाओं में होने चाहिए। अन्यथा यदि भगवान का मुख उत्तर दिशा में है और मानस्तंभ यदि एक हुआ तो उत्तर में

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

April 22, 2025

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930