Category: पहला कदम
उत्तम सत्य धर्म
चार ज्ञान के धारी भगवान भी केवलज्ञान तक मौन रखते हैं । क्यों ? क्योंकि वो थोड़ा सा भी असत्य नहीं बोलना चाहते हैं ।
उत्तम शौच धर्म
चौथे धर्म (उत्तम शौच) की प्राप्ति, चौथे गुणस्थान की प्राप्ति का इशारा है यानि सम्यग्दर्शन । लाभ को छोड़ोगे तभी लोभ छूट पायेगा । मुनि
उत्तम आर्जव धर्म
ऋजुता से ही ऋजु गति मिलती है या कहें सरलता से ही सरल गति मिलती है । स्त्री और त्रियंच पर्यायों का सम्बंध मायाचारी से
उत्तम मार्दव धर्म
अपमान परिषह जय, 22 परिषहों में से एक महत्वपूर्ण परिषह है। पटिये (छोटी-छोटी बातों) के पीछे परिणाम मत पलटो, वरना तुम्हारी पटिया पलट जायेगी। मार्दव
उत्तम क्षमा धर्म
यह त्योहार तात्कालिक या ऐतिहासिक नहीं; पारमार्थिक है, शाश्वत है। सामर्थ्य होने पर भी गुस्सा न करने को क्षमा कहते हैं। कारण: अपेक्षाओं और आकांक्षाओं
चारित्र-मोहनीय
कषायों के विचार रूप विषयों को भोगने की इच्छा का नाम चारित्र-मोहनीय है । मुनि श्री अमितसागर जी
विषय / कषाय
आत्मा के लिये बड़ा अहितकारी है क्या, विषय या कषाय? कषाय, विषय तो मुनिराजों के भी रहते हैं जैसे ठंड़ी हवा का स्पर्श। पर विषयों
धर्म के भेद
1. उपासना – पूजादि 2. नैतिकता – ईमानदारी/कर्त्तव्य निष्ठादि 3. आध्यात्म – अपने सच्चे स्वरूप को समझना कि मैं शरीर नहीं, आत्मा हूँ और वैसा
दान
4 दानों में से सबसे महत्त्वपूर्ण कौन सा ? 4 संज्ञाओं (आहार, भय, मैथुन, परिग्रह) में से सबसे महत्त्वपूर्ण किसे कहोगे! समय-समय का महत्त्व है।
बदलाव
सिद्धों और निगोदियाओं को झंझावात भी नहीं हिला सकता क्योंकि वे किसी के आधार से नहीं रहते। पूर्ण ज्ञानी और अज्ञानी के भी आधार नहीं
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