Category: पहला कदम
खून का रंग
खून में लाल और सफेद रंग के Cells होते हैं । यही रंग सिद्ध और अरहंत भगवानों के भी होते हैं । सिद्ध और अरहंत
बच्चे/आहार
8 वर्ष से छोटे बच्चों को आहार दिखाना भी नहीं चाहिये । मुनिराज को खाते देखकर उनका भी मन मचलेगा, न मिलने पर दुर्भाव आयेंगे
मोक्ष
मोक्ष यानि निराकुलता । फल – असीम सुख ।। तो फिर मोक्ष, आकुलता तथा दु:खी भावों से कैसे प्राप्त हो सकता है ! चाहे वे
स्वभाव
श्री कुरलकाव्य के अनुसार – मनुष्य का स्वभाव उसके मन में नहीं रहता बल्कि संगति से बनता है । जैसे बुद्धुओं के साथ रहोगे तो
कषाय / प्रमाद
कषाय की तीव्रता को प्रमाद कहते हैं । इसलिये कुछ आचार्यों ने आश्रव के कारणों में प्रमाद को नहीं लिया । मुनि श्री सुधासागर जी
ज्ञान / दर्शन
जो ज्ञान ज्ञेय से सीधा संबंध नहीं रखते, वे “दर्शन” पूर्वक नहीं होते, जैसे श्रुत और मन:पर्यय ज्ञान । मुनि श्री सुधासागर जी
आकिंचन्य-धर्म
आकिंचन्य-धर्म को त्याग-धर्म के बाद क्यों लिया ? त्याग-धर्म में धर्म-वृक्ष के सारे फलों का त्याग हो जाता है । वृक्ष के लिये एक भी
उत्तराधिकारी
बुजुर्गों से अभिषेक नहीं कराते तथा मुनिराज आहार भी नहीं लेते क्योंकि हाथों में कंपन होता है । तो क्या करें ? व्यवसाय सम्हालने को
दिव्य-ध्वनि
भगवान की वाणी न खिरने का मुख्य कारण – वाणी समझने वाले की कमी से ज्यादा, वाणी सुनकर उस पर चलने वाले की कमी है
चक्रव्यूह
माता-पिता संसार में प्रवेश तो सिखाते हैं, निकलना जानते नहीं/जानकर सिखा नहीं सकते, मोहवश । सो गुरु से जोड़ दो, वे सिखा देंगे । वरना
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