Category: पहला कदम
अतिभारारोपण
स्वयं के ऊपर अतिरिक्त बोझ डालना भी क्या अतिभारारोपण में आयेगा ? योगेन्द्र स्वयं पर अतिरिक्त भार डालने से मानसिक तनाव होता है, जो निश्चित
आहार
मुनिराज जैन कुल/सुकुल में ही आहार लेते हैं। यदि अन्य कुल में आहार के लिये गये, तो मांसाहार का त्याग कराना होगा। पर मांस का
कर्म / नोकर्म
8 कर्म हैं, उनके फल नोकर्म – शरीरादि। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
जीव
जीव, संसारी को ही लिया जाता है – जो प्राणों से जीता है। सिद्ध तो आत्मा के रूप में है/१० प्राणों से रहित है। मुनि
आयतन
सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र जिसका आवास/ आधार/ निमित्त है, वह आयतन है; इससे जो विपक्ष है उसे अनायतन कहते हैं । वीतराग सम्यग्दृष्टि के लिए विषय
पुण्य की महिमा
पुण्य की महिमा प्रथमानुयोग में ही नहीं, प्रवचनसार जी में भी लिखी है – “पुण्य फला अरहंता” । अप्रमत्त अवस्था में यदि अंतर्मुहूर्त तक साता
मिथ्या-उपदेश
मोबाइल पर बिना विवेक लगाये कुछ भी Forward करना मिथ्या-उपदेश में आता है तथा अन्य-दृष्टि-प्रशंसा में भी। तत्व-ज्ञान के अलावा अच्छा होकर भी अच्छा नहीं
गरम पानी
गरम पानी पीने के लाभ – 1. प्यास कम 2. जिव्हा नियंत्रण 3. पाचन शक्त्ति अच्छी 4. सम्मूर्छन जीवों की उत्पत्ति पेट में सर्वाधिक, पेट
अचौर्य की भावनायें
साधर्मी के साथ विसंवाद में चोरी का दोष कैसे ? 1. विसंवाद तभी होगा जब ममत्व होगा तब सामने वाले की सोच को तोड़ा/चुराया जाता
विश्वास / श्रद्धा
श्रद्धा त्रैकालिक होती है, भगवान/गुरु पर। विश्वास तात्कालिक, संसारियों पर। (निधि)
Recent Comments