Category: डायरी

भाग्य / पुरुषार्थ

पुरुषार्थ से लेखन, जो आगे चल कर भाग्य बन जाता है । पर फ़िर पुरुषार्थ से उसे मिटाकर ठीक भी कर सकते हैं ।

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सक्रिय / निष्क्रिय

व्यक्ति को कहाँ सक्रिय रहना चाहिए और कहाँ निष्क्रिय ? सक्रिय – जहाँ पर स्व-पर का हित हो, अन्य जगहों पर निष्क्रिय ।

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धन

धन पाप/पुण्य रूप नहीं होता । पाप/पुण्य में उसका उपयोग, उसे पाप/पुण्य रूप बनाता है ।

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धर्म

धर्म…. पाप काटने के लिये नहीं, पाप से बचने के लिये करना चाहिए ।

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आचरण

दर्पण साबुत होता है तब सब उसे देख-देख कर चलते हैं, टूट जाता है तो उससे ही बच-बच कर चलते हैं । दर्पण यदि आचरण

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आलोचकों को जबाव

एकमात्र पक्षी जो बाज को चोंच मारने की हिम्मत करता है, वह है रेवेन… यह बाज की पीठ पर बैठता है और उसकी गर्दन पर

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अभ्यास

एक बार बादलों ने हड़ताल कर दी । किसानों ने अपने अपने हल Pack कर दिये । एक किसान खेत जोतता रहा । बादलों ने

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शब्द

शब्दों की ताकत को कम मत आंकिये… क्योंकि छोटा सा… “हाँ” और छोटा सा “ना”, पूरी जिंदगी बदल देता है। (अनुपम चौधरी)

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मंगल आशीष

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