Category: डायरी

अध्यात्म

आज Car की कीमत बहुत है, कल को गैराज की कीमत कार से ज्यादा हो जायेगी। पर इन दोनों से ज्यादा कीमती है थी/ है

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इज़्ज़त

(एकता- पुणे) ( यदि सहायता करने वाले की खुद की स्थिति भी खराब हो तो दुगनी इज़्ज़त कीजिए)

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रक्षण / पालन

व्रती अपने व्रतों का रक्षण व पालन वैसे ही करते हैं जैसे माता-पिता अपने बच्चों का पालन (आगे बढ़ाने) तथा रक्षण (सही भोजन,पढ़ाई आदि)। बच्चे

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Ideal Acts

Make a mind which never minds. Make a heart which never hurts. Make a touch which never pains. Make a relation which never ends. (J.L.Jain)

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शांति

शांति का हमको अनुभव नहीं/ जानते नहीं, इसीलिये कम अशांति को हम शांति और ज्यादा अशांति को अशांति मानते/ जानते हैं। शांतिपथ प्रदर्शक

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अविनय शब्द

भूलकर भी देव, शास्त्र, गुरु के प्रति अविनय शब्द न निकल जाऐं। क्षु. श्री जिनेंद्र वर्णी जी  (बिना मन से बोलने पर भी गलत वचन

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कर्म / पुरुषार्थ

कर्म तो बर्फ के गोले जैसे बढ़ते ही रहते हैं। पुरुषार्थ से ही उसे छोटा/ तोड़ा जाता है। कमलकांत

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मंगल आशीष

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