Category: डायरी
भोग / दुर्गति
भोगों के पीछे का अभिप्राय यदि दूषित है, तो वह दुर्गति में ले जाता है, जैसे पुराने ऋषि(सनातन धर्म के) आश्रमों में पत्नियों के साथ
बोध
वृद्धावस्था में मकान बेचकर उसी में किरायेदार बन कर रहें, इस commitment के साथ कि जब खाली करने को कहा जायेगा तब खाली कर दूंगा
धनवान
एक बार बिलग्रेट्स से पूछा – क्या आपसे भी ज्यादा धनवान कोई है ? बिलगेट्स – हाँ, एक अखबार बेचने वाला मुझसे भी ज्यादा धनवान
विश्वास
संसार में देखभाल कर विश्वास करने की सलाह दी जाती है हालाँकि आइसक्रीम खाते समय यदि तुम गाय के बारे में प्रश्न करने लगे तो
आभार
उन्हीं का, जो दूसरों पर भार नहीं बनते, तथा धरती और माँ की तरह सबका भार सहन करते हैं, खुशी-खुशी ।
नादान
नादानी समाप्त करना हो तो “नादान” में से “ना” हटा दो । (जो बचे यानि “दान” करो) आचार्य श्री विद्यासागर जी
कानून / धर्म
कानून वैश्यावृत्ति रोक सकता है (हालाँकि वह भी नहीं रोक पाया है), पर हर स्त्री में माँ/बहन/बेटी, धर्म ही दिखा सकता है । श्री विनोबा
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