Category: डायरी
वैभव
कहते हैं – कैंचुली उतारने से सर्प विषहीन हो जाता है, हालाँकि विष तो दांतों में होता है । वैभव में पाप नहीं है, पर
नियतिवाद
यदि नियतिवाद को अपनाओगे तो स्वच्छंदता पनपेगी; ना संसार चल पायेगा, ना परमार्थ ।
जिद्द / संकल्प
जिद्द इच्छा पूर्ति के लिये, संकल्प लक्ष्य प्राप्ति के लिये ।
उसूल
बहुत छाले हैं, उसके पैरों में; कमबख्त़ उसूलों पर चलता होगा । (एन.सी.जैन-नोयड़ा)
धर्म
सच्चा धर्म अपराधों को क्षमा नहीं करता, बल्कि सज़ा भुगतने के भाव तथा शक्ति देता है; और भविष्य में अपराध ना होने के संकल्प देता
स्वाध्याय
भोजन का लाभ पचाने पर ही, स्वादिष्ट/गरिष्ठ भोजन में स्वाद तो आयेगा, लाभ/शक्ति नहीं । स्वाध्याय के साथ भी ऐसा ही है ।
मन
आरंभ हो और अंत न हो, मन इतना भी स्वतंत्र न हो…; व्यथित हो और शब्द न हो, मन इतना भी परतंत्र न हो…। 🙏🏻(सुरेश)🙏🏻
धर्म
भोजन दो तरह से – पथ्य रूप = ये खाना/ये नहीं खाना, स्वभाव रूप = स्वस्थ अवस्था में, आनंद आता है । इसी तरह –
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