Category: डायरी
Happiness
Shakespeare – I always feel happy because I don’t expect anything from anyone. Before you Speak, Listen. Before you Write, Think. Before you Spend, Earn.
मन / शरीर
चक्की के दो पाट, एक गतिमान दूसरा स्थिर, तभी अनाज पिसता है; दोनों गतिमान रहेंगे तो कार्य(आटा पिसना) होगा क्या ? जब मन स्थिर, शरीर
मनुष्य
मनुष्य पर्याय इतनी देर को मिलती जैसे लम्बी अंधेरी रात में कुछ क्षणों के लिये बिजली कोंध जाती है। उतनी देर में हमें सुई में
प्रभु भक्ति और मौत
जब मौत सबको आनी ही है तो प्रभु भक्ति का लाभ ? मौत रूपी बिल्ली के जबड़े में चूहे भी आते हैं जो तड़प-तड़प कर
व्यक्तित्व
3 प्रकार के व्यक्तित्व – 1. भगवान दौड़ायेगा तो दौडुंगा, जो फल देगा खा लूंगा – भाग्यवादी/एकांती। 2. मैं दौडुंगा, जीतुंगा भी – पुरुषार्थवादी/ एकांती।
अपराधी कौन ?
जब गरीब तथा अमीर नितांत अकेले पैदा व मरते हैं, कुछ लेकर नहीं आते हैं तो गरीबी/अमीरी के लिए दोषी कौन ? भगवान को दोष
संस्कार
अनाज का अकाल होने से मानव समाप्त, संस्कार के अकाल से मानवता समाप्त। मन में संस्कार हों तब हाथ में माला ना भी हो तो
अंतरंग / बाह्य
घड़े में पानी हो तो बाहर संकेत दिखते हैं/ स्पर्श करने पर शीतलता महसूस होगी ही। अंतरंग में गुण/ ज्ञान/ चारित्र हो तो बाह्य में
ज्ञान
भगवान के ज्ञान को जैसे का तैसा समझना/ समझाना चाहिये। नमक मिर्च लगाने से भोजन का असली स्वाद/ सत्य समाप्त हो जाता है, स्वास्थ्य/ आत्मा
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