Category: डायरी

क्रोधादि

बीमार को देखकर/ सम्पर्क में आने पर बीमार होना पसंद नहीं करते हो। तो क्रोधी आदि के सम्पर्क में आने पर क्रोध आदि क्यों ?

Read More »

स्वार्थ

हे स्वार्थ ! तेरा शुक्रिया। एक तू ही है, जिसने लोगों को आपस में जोड़ रखा है। (सुरेश)

Read More »

उपयोगिता

दर्पण का मूल्य भले ही हीरे के सामने नगण्य हों, पर हीरा पहनने वाला दर्पण के सामने ही जाता है। (एन.सी.जैन- नोएडा)

Read More »

सुख / दु:ख

सुख/ दु:ख एक ही बगिया के पौधे हैं। इन्हें लगाने/ सींचने/ संवारने/ बढ़ाने वाले माली हम खुद ही हैं। (सुरेश)

Read More »

जिम्मेदारी

जिम्मेदारी दुनिया का सबसे बहतरीन टॉनिक है। एक बार पी लो जिंदगी भर थकने नहीं देती है। (अरविन्द बड़जात्या)

Read More »

संस्कार

संस्कार तो ‘Groove’ जैसे होते हैं, उसी में से प्रवाह होता रहता है। यदि इससे आत्मा पतित/ दुखी हो रही हो तो उसके Side में

Read More »

अध्यात्म

आज Car की कीमत बहुत है, कल को गैराज की कीमत कार से ज्यादा हो जायेगी। पर इन दोनों से ज्यादा कीमती है थी/ है

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

October 21, 2023

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031