Category: डायरी

संगति

अगर कोई मक्खी सब्जी तौलते समय तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत दस पैसे, लेकिन वही मक्खी अगर सोना तौलती तराजू पर बैठ जाए

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कल्याण

अपने कल्याण करने का सरल तरीका….दूसरों को अपना मानने से भी अपने कल्याण की शुरुवात होती है।

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व्यक्तित्व

व्यक्तित्व को शून्य रखें, ताकि कोई उसमें से कुछ भी घटा न सके। परन्तु जिसके साथ खड़े हो जाय, उसकी कीमत दस गुणा बढ़ जाय।

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समस्या

संसार का दूसरा नाम ही समस्या है, पर समाधान प्रभु का दूसरा नाम।

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दृष्टिकोण

Cracked कप को देखकर…. “अरे ! यह तो टूटने वाला है”…. नकारात्मक दृष्टिकोण। Crack ही तो है, टूटा नहीं है….सकारात्मक। (एकता-पुणे)

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विश्वास

हालाँकि अंधकार बहुत विशाल है, दीपशिखा छोटी सी, पर मेरा विश्वास दीपशिखा पर विशाल है। (मेरे आसपास वह अंधकार को भटकने भी नहीं देगी) श्री

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ईश्वर

अपने में ईश्वर को देखना…. ध्यान है, दूसरों में ईश्वर को देखना…….प्रेम, सबमें ईश्वर को देखना………ज्ञान है। (श्रीमति शर्मा)

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संगति

अच्छे की संगति से और अच्छे बन सकते हैं, वैसे ही बुरे की संगति बुराईयों को और बढ़ा देती है। जैसे हीरा हीरे को तराश

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मंदिर/तीर्थ सीढ़ियाँ चढ़कर ?

मंदिर/तीर्थ सीढ़ियाँ चढ़कर ही क्यों बनाये जाते हैं ? ताकि एक-एक सीढ़ी चढ़ते हुये महसूस करें… 1. बुराई/कमज़ोरियों से ऊपर उठ रहे हैं। 2. विशुद्धता

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मंगल आशीष

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December 30, 2022

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