Category: डायरी
एकता
हाइकु …. “पाँचों* की रक्षा मुट्ठी** में, मुट्ठी बंधी, लाखों की मानी” आचार्य श्री विद्यासागर जी एकता – सहयोग, समन्वय, समादर, संरक्षण से आती है
दोपहर
दोपहर नाम क्यों पड़ा? सूर्योदय के दो पहर बाद जो समय होता है, उसे दोपहर कहते हैं। मुनि श्री सुधासागर जी
अतिरिक्त
जीवन की सारी दौड़ केवल अतिरिक्त के लिए है ! अतिरिक्त पैसा, अतिरिक्त पहचान, अतिरिक्त शौहरत, अतिरिक्त प्रतिष्ठा ! यदि यह अतिरिक्त पाने की लालसा
अहम्
ट्रेन में 2 यात्रियों में झगड़ा मारपीट तक पहुंच गया । एक खिड़की बंद करता उसे सर्दी लग रही थी, दूसरा खोल देता क्योंकि उसे
साधना / प्रभावना
साधना से प्रभावना होती ही है, पर प्रभावना के लिये साधना करना उत्कृष्ट साधना नहीं । चिंतन
जोख़िम
प्रत्येक काम जोख़िम भरा होता है । परंतु कुछ भी नहीं करना तो उससे भी बड़ा जोख़िम है । (अनुपम चौधरी)
Happiness
Nazim Hikmat the great Turk poet (Faiz was one of his admirers) once asked his friend Abidin Dino (Turkish artist and a well-known painter) to
गुरु
बिना गुरु के सिखाये नृत्य को मयूर नृत्य कहते हैं । मयूर नृत्य करते समय अपने गुप्तांग को उघाड़ लेता है जो अभद्र दिखता है
वजन बढ़े तो ?
प्रश्न :- वजन बढ़ जाए, तो क्या करें ? उत्तर :-तन का बढे़ तो व्यायाम, मन का बढे़ तो ध्यान, और धन का बढे़ तो
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