Category: डायरी

मान

चारों कषायों (क्रोध, मान, माया और लोभ) में से सिर्फ मान (गर्व) का “मान” किया जाता है, कैसी विडम्बना है ? कमल कांत

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गुण

गुण जब तक गुणीजनों के पास रहता है, उसकी गुणवत्ता बनी रहती है। अवगुणी के पास होने पर वह अपनी गुणवत्ता खो देता है। (जैसे

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परेशान

परेशान = पर + ईशान। ईशान(संस्कृत) = मालकियत। परेशान तब जब “पर” के ऊपर मालकियत के भाव हों। क्षुल्लक श्री सहजानंद वर्णी जी

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“पर” से दुःख

डाक्टरों ने एक Experiment किया –> एक महिला के दोनों हाथ मेज पर रखवाये, बीच में Partition खड़ा कर दिया। बायें हाथ के पास एक

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प्यार किससे ?

जो जिंदा को प्यार करते हैं, वही जाने के बाद उनसे प्यार कर सकते हैं जैसे भगवान को उनके जाने के बाद भी प्यार करते

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कटु-शब्द

यदि कोई कटु-शब्द कहे तो चिंतन करें → 1. ये शब्द मेरे ही तो हैं (कभी मैंने कहे होंगे) 2. कहने वाला मेरा ही कोई

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मंगल आशीष

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March 18, 2024

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