Category: डायरी
ख़ुशी / संतुष्टि
ख़ुशी से संतुष्टि मिलती है और संतुष्टि से ख़ुशी | परन्तु दोनों में फ़र्क बहोत बड़ा है …. ख़ुशी थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती
संवाद
सर्वश्रेष्ठ संवाद वही होता है जो “शब्दों में सीमित” और “अर्थों में असीमित हो” (सुरेश)
अनुभव
Experiences are like waves, They come to you on shore of life; Drag the sand from beneath your feet, But each wave makes you stand
बीता समय
आत्मिक रिश्तों का कभी ब्रेक-अप नहीं होता । जहाँ विश्वास होता है, वहाँ चैक-अप नहीं होता । जी लो मन भर के, क्योंकि…. बीते हुये समय
रिश्ते
रिश्तों को बनाना/निभाना सीमेंट से सीखें – पहले नरम, बाद में सख्त । शुरु-शुरु में पानी से नम करते रहना होता है । यश-बड़वानी
सामंजस्य
यूँ ही नहीं आती ख़ूबसूरती रंगोली में, अलग-अलग रंगों को एक होना पड़ता है । (सुरेश)
सकारात्मकता
नज़रिया ऐसा हो कि दरिया (नकारत्मकता) में ज़रिया (सकारात्मकता) दिखे । यश-बड़वानी
दृष्टि
प्रभु का रास्ता बड़ा सीधा है और बड़ा उलझा भी…. बुद्धि से चलो तो बहुत उलझा और भक्ति से चलो तो बड़ा सीधा… विचार से
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