Category: डायरी
पुण्य / पाप
चोरी* करने की अनुकूलता/ कर पाना/ सफलता मिलना पुण्योदय से। चोरी करने में पाप-बंध। फल ? पापोदय जैसे असाध्य रोग/ दुर्गति/ गरीबी आदि। आर्यिका श्री
मोह
नई सेविका के हाथ बेटे के लिये टिफिन भेजा। पहचानूंगी कैसे ? जो सबसे सुंदर हो। सेविका अपने बेटे को टिफिन दे आयी। ब्र. डॉ.
नम्रता / आवेग
तुलसी कृत रामायण में राम को विनम्र कहा, लक्ष्मण को नम्र। नम्रता दूसरों से/ बाहर की स्थिति से संचालित होती है। विनम्रता स्वयं भीतर से
डर
डर एक में नहीं, अनेक से होता है। विडंबना, हम एक से अनेक होने के लिए भारी पुरुषार्थ करते रहते हैं। आर्यिका पूर्णमति माता जी
सीमा
डॉक्टर का ऑपरेशन तो सफल हुआ, पर मरीज़ मर गया। हम हर चीज सीमा में चाहते हैं, जैसे बाल, नाखून, कपड़े, पर संपत्ति की कोई
हार
जिसने हार पहनने में अपना सम्मान मान लिया मानो उसकी आत्मा हार गई। आर्यिका पूर्णमति माता जी (2 अक्टूबर)
सात्विकता / व्यवहार
एक व्यक्ति जलेबी की दुकान पर एक किलो जलेबी खा गया। पैसे ? नहीं हैं। मालिक ने पिटाई कर दी। यदि जलेबी इस भाव खाने
शब्द
अलफ़ाज़ का भी जायका होता है। परोसने से पहले चख लिया करें। (अरविंद बड़जात्या)
धर्म से दूरी
WHO के अनुसार कोविड के पहले भी मानसिक अस्वस्थता 14% लोगों में पायी जाती थी। धार्मिक लोगों में यह Rare होती है। कारण ? धर्म
पुरुषार्थ
जीवन बहुआयामी है सो पुरुषार्थ भी। रचनात्मक जैसे माता पिता का बच्चों के लिये। गैर-रचनात्मक बच्चों का माता पिता के लिये। हमारे पुरुषार्थ में कितने
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