Category: डायरी
ग्रहों का प्रभाव
ग्रह क्या करेंगे ! उतना ही मिलता है, जितना ले सकते हो (कर्मानुसार)।
बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र में दृष्टि कमजोर होने लगती है, लेकिन बहुत कुछ स्पष्ट दिखने लगता है। (अरुणा)
अच्छा
यदि आपको कोई अच्छा लग रहा है तो मानकर चलिये कि वह अच्छा हो भी सकता है अथवा ना भी हो, पर आप अच्छे अवश्य
बोल
बोलना तो सभी को आता है। किसी की ज़ुबान बोलती है, किसी की नियति; पर जब इन लोगों का “समय” बोलता है तब इनकी बोलती
आ अब लौट चलें
सूरज नित्य लौटता है इसलिये नित्य पूर्ण तेजस्विता/ सुंदरता से फिर-फिर आता है। अभिमन्यु लौटना नहीं जानता था/ लौट नहीं पाया, सो अंत को प्राप्त
विनम्रता
पंछियों को ऊपर उठने के लिये पंखों की ज़रूरत होती है; मनुष्य को विनम्रता की, जितनी-जितनी विनम्रता बढ़ेगी, उतना-उतना वह ऊपर उठेगा। (एन.सी.जैन)
आनंद / भय
100 लोगों को सुगंधित पुलाव दिया गया। शैफ ने कहा चावल जैसा एक कंकड़ रह गया है। 1 व्यक्ति को छोड़कर सब डरे-डरे/सावधानीपूर्वक खाते रहे।
मोटीवेशन
दुनिया का सबसे सस्ता और अच्छा मोटीवेशन…. दूसरों के उत्कृष्ट कार्यों की दिल से प्रशंसा करना। (अनुपम चौधरी)
शाकाहारी जीव
शाकाहारी जीवों को कैसे पहचानेंगे ? 1. शाकाहारी जीवों की आँखें गोल न होकर लम्बाई लिये होती हैं। 2. नाखून नुकीले नहीं होते, चौड़े/ चपटे
परोपकार
गरीब शिक्षक दूर स्कूल पैदल जाता था। कभी कोई अपने वाहन में बैठा लेता। कुछ दिनों बाद उसने मोटर साइकिल खरीद ली। अब वह सबको
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