Category: डायरी
सुख / मजा / आनंद
शरीर को सुख, मन को मजा, आत्मा को आनंद। ब्र. डॉ. नीलेश भैया
विस्तार की कैद
एक राजा ने हिरनी के बच्चे का शिकार किया। हिरनी ने श्राप दिया → तेरा बच्चा जब स्वच्छंद घूमने लगे तब वह भी मारा जाय।
आत्मा
शराबी ने नशे में सारे साथियों को भोजन का निमंत्रण दे दिया। सब पीछे-पीछे घर आ गये। पत्नी ने कह दिया –> वे घर में
बालपने के दोष
1. दुःखी/ दीनहीन होंगे तो ध्यान आकर्षित होगा। 2. समय से पहले बड़े होने की आकांक्षा; बल/ शरीर तो बढ़ा नहीं सकते सो बौद्धिक ज्ञान
मकर संक्रांति
🔹आज पतंग नहीं,कर्मों को उड़ाओ। 🔹किसी की पतंग मत काटो,अपने कर्म काटो। 🔹ये कैसा मज़ा है जिसमें निरीह पक्षियों का घात हो ? 🔹किसी से
काल
आचार्य श्री विद्यासागर जी के पास एक व्यक्ति ने कहा –> मैं काल को नहीं मानता ॥ आचार्य श्री –> फिर घड़ी क्यों पहने हो
दूसरे
दर्शनज्ञ सार्त्र ने कहा → “दूसरा(पर) नरक है।” उनके शिष्य ने कहा → इससे तो हम दूसरों का अस्तित्व हीन कर रहे हैं ? सो
कर्मों को धोना
आचार्य श्री विद्यासागर जी ने कहा था… यदि तुम प्रभु के पीछे-पीछे हो लोगे, हो लोगे तो निश्चित ही अपने पाप कर्म को धो लोगे,
Reality
(Renu- Naya Bazar Gwalior) (Sand Time Clock में समय पूर्ण होने पर पूरी रेत ऊपर से नीचे गिर कर जाती है। हमारे जीवन में वैभव
मोह
श्वेताम्बर परम्परानुसार महावीर स्वामी जब संयास लेने लगे तब उनकी पुत्री ने रोका। बच्ची को समझाने महावीर स्वामी ने कह दिया → मैं जल्दी लौट
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